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"महर्षि गौतम आश्रम न्यास समिति"
आपका 'गौतम कुंड'
पावन स्थल में स्वागत है।

||आशीर्वचन||


महर्षि गौतम आश्रम एवं कुंड का महात्मय

महर्षि गौतम आश्रम एवं गौतम कुंड का जो महात्मय पुराणों एवं महाकाव्यों में वर्णन किया गया है उसका अंश निम्नलिखित है -

।। अथ गौतमकुण्डे मार्जनम् ।। तत्र महाभारते आरण्य के ।।
तत्रोदपानोधम्मंज त्रिषु लोकेषु विश्रुतः । तत्राभिषेकं कृत्वातु वाजिमेधयाप्नुयात् ।।
।। अथात्रस्नानम् स्कन्दपुराणे ।
ततो गौतम तीर्थच गतं पाप विशोधनम् ।
।। अथ गौतमाश्रमपरिचयः ।। तत्र स्कन्दे हिमवत्खण्डे-
आसीत् ब्रहापुरी नाम्ना मिथिलायां विराजिता तस्यां विराजमे नित्य गौतमो नाम तापसः ।।
अहल्या नाम तत्पत्नी पतिव्रता प्रियम्बदा ।। सर्व्वलक्षण सम्पूर्णा अमीत्यर्वांग मुन्दरी ।।

।। बृहद्विष्णु पुराणे ।।

।। गौतमस्याश्रमं पुण्यं याम्य पश्चिम कोणके जनकालपमपेक्ष्येति शेष:।।

।। अथ गौतमाश्रमप्रर्शसा रामायणे ।।

गौतमस्य नरश्रेष्ट पूर्वमासीत्महात्मनः ।। आश्रमो दिव्य संकाशः सुरैरपि सुपूजितः ।।

|। हरिवंशेबलदेवाद्विके ।।

प्रभासंच प्रयामंच नैमिष पुष्पकराणिध। गंगातीर्थ कुरुक्षेत्र श्रीक्षेत्र गोतामाश्रयः ।। तीर्थान्येतानि पुण्याणी सेवितानि महर्षिभिः ।

।। अथ गौतमाश्रमागमन फलम् तत्र महाभारते आरण्यके ।।

अभिगम्याश्रम राजन् विन्दते श्रियमुत्तमम् ।।

।। यामालसरोद्वारे-मिथिलाखण्डे।।

गीतमस्याश्रमे याम्ये पातालोत्थितपायसि। स्नात्वा कुण्डे नमेदमक्या यजुः पारुफन भवेत् ।।

समय तालिका

रीष्म ऋतु दर्शन:

प्रातः मंगल आरती

07:30

दर्शन

7:30 से 11 बजे तक

राजभोग

11 से 11:30 तक

मध्यायन
(दर्शन बंद)

11:30 से 3 बजे तक

सायं दर्शन

3 बजे से लेकर 7 बजे तक

सायंकालिन
आरती

7 बजे

दर्शन रात्री

8 बजे तक

शीत ऋतु दर्शन:

प्रातः मंगल आरती

8 बजे

दर्शन

8 बजे से 11:30 बजे तक

राजभोग

11:30 से 12 तक

मध्यायन
(दर्शन बंद)

12 से 3:30 बजे तक

सायंकालिन आरती

7:30 बजे

दर्शन रात्री

8:30 बजे तक